पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।
पण वीं हाराई आणन्द अन अचम्बा का मस अबाणू तईं ने हमज सक्या हा के, आपाँ हाँची में ईंने देकरिया हा। तो ईसू वाँने पूँछ्यो, “कई, थाँका नके खाबा का वाते कई हे?”