पिलातुस मनकाँऊँ तीजी दाण पूँछ्यो, “अणी कई गलत किदो हे? में तो ईंमें कई दोस ने पायो हे, जणीऊँ यो मोत को दण्ड भुगते। ईं वाते मूँ ईंके कोड़ा लगवान छोड़ देऊँ।”
पण पोलुस अदिकारियाँ ने क्यो “माँ रोमी मनक हाँ, तुई वे बना दोसऊँ माँने मनकाँ के हामे कुट्या अन जेळ में नाक्या, अबे कई माँने छानेकूँ निकळबाने केरिया हो?, अस्यान ने वेवे, पण वीं खुद आन माने बारणे काड़ी।”