60 पण पतरस बोल्यो, “ए भई, मूँ ने जाणूँ के, थूँ कई केवे हे!” वो या बात केरियो हो के, तरत कूकड़ो बोल ग्यो।
ईसू वींने क्यो, “मूँ थाँराऊँ हाँची केवूँ के, आज राते कूकड़ा के बोलबाऊँ पेल्या, थूँ तीन दाण मने ओळकबाऊँ नट जाई।”
ईसू वींने क्यो, “ए पतरस, मूँ थने बतावूँ हूँ के, आज कूकड़ो जद्याँ तईं ने बोली। वणीऊँ पेल्याँ थूँ तीन दाण मने ओळकबाऊँ नट जाई के, ‘मूँ ईंने ने जाणूँ हूँ।’ ”
एक घण्टा केड़े एक दूजे मनक ज्योरऊँ हाको करन क्यो, “ओ भी तो वींका हाते हो, काँके यो भी तो गलील को हे।”
जद्याँ परबू पतरस का आड़ी देक्यो अन पतरस ने परबू की वा बात आद अई। ज्याँ वणा क्यो हे के, “आज कूकड़ा के बोलबा का पेल्या थूँ तीन दाण मने ओळकबाऊँ नट जाई।”
पतरस पाछो एक दाण ओरी नटग्यो अन तरत कूकड़ो बोल ग्यो।