56 अन एक दासी वादी का उजिता में वींने बेट्यो तको देकन केबा लागी, “ओ भी वींका हाते हो।”
पतरस बारणे आगंणा में बेट्यो तको हो, तो एक नोकराणी वींका नके आन क्यो, “थूँ भी वीं गलील का ईसू का हाते हो।”
जद्याँ हाँज वीं, तो ईसू आपणाँ बाराई चेला के लारे वटे आग्या।
जदी ईसू क्यो, “वींने काँ तंग करिया हो? छोड़ दो। वे तो मारा वाते एक हव काम किदो हे।
जदी ईसू दूजी दाण वींकी आक्याँ पे हात मेल्यो, वणी आपणी आक्याँ पुरी तरियाऊँ खोल दिदी। वींने देकबा की तागत पाच्छी मलगी अन वो एकदम सई देकबा लागो।
अन जद्याँ वी आगंणा में धूणी लगान तापरिया हा, तद्याँ पतरस भी वाँके बचमें जान तापबा लागग्यो।
पण, परतस नटन क्यो, “ए लुगई, मूँ वींने ने ओळकूँ हूँ।”
वटे एक दासी ज्या चोकीदारणी ही। वणी पतरसऊँ क्यो, “कई थूँ भी तो ईं मनक का चेला मयनूँ एक ने हे?” वणी क्यो, “ने, ने मूँ कोयने हूँ।”