गेला की जातरा का वाते ने जोळी राको अन थाँ पेर मेल्या हे ईंके अलावा कुरतो मत लेज्यो, ने पगरख्याँ अन ने लाकड़ी लेज्यो, काँके दानक्याँ ने वींकी दानकी मलणी छावे।”
पसे ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जद्याँ में थाँने बना बटवा, जोळी अन बना पगरख्याँ के खन्दाया हा। तो कई थाँने कणी भी बात की कमी वी?” वणा क्यो, “कणी भी बात की कमी ने वी।”
काँके मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, यो ज्यो सास्तर में लिक्यो हे के, ‘वो अपरादिया का हाते गण्यो ग्यो।’ या बात मारा में पुरी वेणी घणी जरूरी हे, काँके अबे ईं बात के वेबा की टेम आगी हे।”
ज्यो बाताँ में थाँकाऊँ किदी ही के, दास आपणाँ मालिकऊँ मोटो ने वेवे हे। वाँने आद राकज्यो। यद्याँ वणा मने हतायो हे, तो थाँने भी हताई। यद्याँ वणा मारी बाताँ मानी, तो थाँकी भी मानी।