35 पसे ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जद्याँ में थाँने बना बटवा, जोळी अन बना पगरख्याँ के खन्दाया हा। तो कई थाँने कणी भी बात की कमी वी?” वणा क्यो, “कणी भी बात की कमी ने वी।”
ईं वाते ने तो बटुवो अन नेई थेलो, नेई एक ओरी जोड़ी पगरख्याँ लो अन नेई गेला में कणीऊँ नमस्कार करबा का वाते रकज्यो।
ईसू वींने क्यो, “ए पतरस, मूँ थने बतावूँ हूँ के, आज कूकड़ो जद्याँ तईं ने बोली। वणीऊँ पेल्याँ थूँ तीन दाण मने ओळकबाऊँ नट जाई के, ‘मूँ ईंने ने जाणूँ हूँ।’ ”
पाछो ईसू वाँकाऊँ क्यो, “पण, अबे जिंका नके बटवा वेवे, वी वींने लिले अन जोळी भी अन जिंका नके तरवार ने वेवे, वी आपणाँ चादरो बेचन तरवार मोल ली ले।
अन ईसू वाँकाऊँ क्यो, “आपणी जातरा का वाते कई मती लेज्यो, ने तो लाकड़ी अन नेई जोळी, नेई रोटी, नेई रिप्या-कोड़ी अन नेई दो-दो जोड़ी गाबा।
जस्यान सास्तर में लिक्यो तको भी हे के, “जणी नरोई भेळो किदो वींके नके जरूतऊँ हेलो ने बच्यो, पण जणी थोड़ोकइस भेळा किदो वींके कईस कमी ने पड़ी।”