31 ईसू पतरसऊँ क्यो, “समोन, ए समोन हुण, जस्यान एक करसाण गव ने होजा करे हे वस्यान थाँने परकबा का वाते थाँने सेतान मांग लिदा हे।
पछे वीं भजन गान जेतुन का मंगरा पे पराग्या।
पछे ईसू वींने क्यो, “हे सेतान, छेटी वेजा। सास्तर यो केवे हे, “‘थूँ आपणाँ परबू परमेसर ने मान अन बेस वाँकीईस सेवा-चाकरी कर।’”
परबू वींने क्यो, “मारता, ओ मारता, थूँ घणी बाताँ का वाते चन्ता करन घबरावे हे।
वो रेटे पड़ग्यो अन एक अवाज हूणी, जो वींने केरी ही, “साउल, ए साउल! थूँ मने काँ हतारियो हे?”
अन वणी मनक ने देह का नास का वाते सेतान ने हूँप्यो जाई, ताँके वींकी आत्मा परबू के पाच्छा आबा का दन बंचाई जाई।
जणीऊँ आपाँ सेतानऊँ हारा कोयने, काँके आपाँ वींकी चाल ने जाणा हाँ।
थाँ हूँस्यार रेवो अन जागता रेज्यो, काँके थाँको दसमण सेतान दहाड़ करबावाळो नार की जस्यान ईं भाळ में हे के, वो थाँने फाड़न खावे।
ईंका केड़े मने हरगऊँ जोरकी अवाज हुणई दिदी, “अबे आपणाँ परमेसर को छुटकारो, तागत, अन वींको राज अन मसी को अदिकार परगट व्यो हे, काँके आपणाँ भायाँ पे दोस लगाबावाळो, ज्यो रात-दन आपणाँ परमेसर का हामे वणापे दोस लगाया करतो हो, वींने हरगऊँ रेटे फेंक दिदा ग्यो।