“पण वीं हिंजारिया वीं छोरा ने देकन एक-दूजाऊँ क्यो, ‘ओ तो ईं बाग का मालिक को छोरो हे ज्यो जगाँ-जादाद को वेबावाळो मालिक हे। आवो ईंने मार नाका अन ईंकी जगाँ-जादाद ले लेवा।’
फसे को अन बना हाज्या की रोट्याँ का तेवार के दो दन पेल्याँ की बात हे, मुक्य याजकाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा एक असी जाळ वसारिया हा। जींऊँ वे ईसू ने ईं जाळ में नाकन बंदी बणान मार सके।
वी दाण मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन मुक्य याजकाँ वींने पकड़णो छारिया, काँके वीं हमजग्या हा के, वणी माकाँ उपरेईस या केणी की हे। पण, वीं लोग-बागऊँ दरपग्या हा।
काँके हाँचई में, थाँका पुवितर दास ईसू, जिंको थाँ राजतलक किदो। वींका विरोद में हेरोदेस अन पिलातुस, ज्यो यहूदी ने हा अन इजराएल्याँ की लारे वेन ईं नगर में भेळा व्या।