15 ईसू वाँने क्यो, “मारी आ घणी मनसा ही के, मूँ दुक जेलबा के पेल्या ईं फसे का तेवार को जीमण थाँका हाते जीमूँ।
मने एक कल्डा बतिस्मा की टेम में वेन जाणो अन जद्याँ तईं ओ पूरो ने वे जावे, तद्याँ तईं मने आराम ने मली।
जद्याँ वा घड़ी अईगी, तो ईसू आपणाँ थरप्या तका चेला का हाते जीमबा का वाते बेटा।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, जद्याँ तईं परमेसर का राज में अणी जीमण को मतलब पूरो ने वेई, तद्याँ तईं मूँ यो जीमणो पाछो ने जीमूँ।”
फसे का तेवार पेल्याँ जद्याँ ईसू जाणग्यो के, “मारी वाँ घड़ी आ पूगी हे के, मूँ दनियाँ छोड़न बापू का नके जाऊँ।” तो ईसू आपणाँ लोगाऊँ ज्यो दनियाँ में हाँ, जस्यान परेम वो राकतो हो आकरी तईं वस्यानीस परेम राकतो रियो।
ईसू ईं बाताँ किदी अन आपणी मुण्डो हरग आड़ी करन क्यो, “ओ मारा बापू, वाँ टेम आगी हे, आपणाँ पूत की मेमा करो, ताँके पूत भी थाकी मेमा करे।
ईसू वाँने क्यो, “मारो खाणो ओ हे के, मूँ मने खन्दाबावाळा की मरजी पे चालूँ अन वींको काम पूरो करूँ, ज्यो वणी मने हुप्यो हे।