28 जद्याँ ईं बाताँ वेती देकी, तो थाँ हूँदा ऊबा वेन आपणाँ माता ने ऊपरे करज्यो, काँके वीं टेम थाँको छुटकारो नकेईस वेई।”
अन देको, एक लुगई ही, जिंके अठारा वराऊँ एक दुबळी करबावाळी हुगली आत्मा लागी तकी ही अन वाँ कुबड़ी वेगी ही अन वाँ कणी भी तरियाऊँ हूँदी ने वे सकती ही।
तो कई परमेसर आपणाँ चुण्या तका को हाँचो न्याव ने करी, जी रात-दन वाँकाऊँ अरज करता रेवे हे। कई वी वाँका न्याव करबा में मोड़ो करी?
ईसू वाँने एक केणी भी क्यो के, “अंजीर का रूँकड़ा ने अन हाराई रूँकड़ा ने देको।
काँके ओ जग घणी आसऊँ वीं टेम को वाट नाळरियो हे, जद्याँ परमेसर आपणी ओलाद परगट करी।
अन आ दनियाईस ने पण आपाँ भी ज्याँने आत्मा को पेलो फळ मल्यो हो, आपाँ भी दकऊँ तड़परिया हा। काँके आपाँ ईं बात की वाट नाळरिया हे के, वो आपाँने आपणी ओलाद का जस्यान मान ले अन आपणो देहऊँ छुटकारो वे जावे।
परमेसर आपणाँ लोगाँ ने ज्यो देबा वाते वादो किदो हे, ईंको पुवितर आत्मा गारन्टी का जस्यान हे, जद्याँ तईं वो आपणाँ लोगाँ ने पुरी तरियाऊँ छुटकारो ने देई। ईंका मस आपीं वींकी मेमा की बड़ई करा।
परमेसर की पुवितर आत्माने दकी मती करो, काँके छुड़ाबा के दन का वाते वा खुद छाप थाँका पे लागी हे।