19 विस्वास में गाटा रेवा की वजेऊँ थाँ अनंत जीवन पाँ लेवो।
मारा नामऊँ हाराई मनक थाँकाऊँ दसमणी केरी, पण ज्यो आपणी आकरी घड़ी तईं सेण करतो रेई वोईस बचायो जाई।
पण, ज्यो अन्त तक सेण करी, वो बंचायो जाई।
पण हव जगाँ वाया तका बीज वी मनक का जस्यान हे, जी बचन हुणे वी आपणाँ हव अन हाँचा मन में हमाळी राके अन हमेस्यान वींके जस्यानीस चालन वी हव फळ लावे हे।
हरेक बात ज्या सास्तर में लिकी गी, वाँ आपाँने हिक देबा का वाते हे। जणीऊँ ज्यो धिज्यो अन हिम्मत सास्तरऊँ मले हे, वणीऊँ आपाँने आस मले।
थोड़ाक मनक ज्यो धीरजऊँ हमेस्यान भला काम करता आरिया हे अन मेमा, मान अन अनंत जीवन की खोज में हे वाँने परमेसर अनंत जीवन देई।
योईस ने, आपाँ तो अबकी टेम में भी गुमान करा हा। काँके आपाँ जाणा हा के, अबकी टेम धीरज ने जनम देवे हे।
अन ईं धीरजऊँ परक्यो तको मनक खरो निकळे हे अन खराऊँ आस आवे हे।
पण जिंने आपाँ कोयने देकाँ हा, वींकी आस करा हा, तो धीरज राकन वींकी वाट भी नाळा हा।
बापू परमेसर का हामे थाँका विस्वास का काम ने, परेम का वाते घणी मेनत ने अन परबू ईसू मसी का पाच्छा आबा की थाँकी पाकी आस ने हमेस्यान आद करा हाँ।
परबू थाँका मन ने परमेसर का परेम ने हमजबा अन मसी की धिरजपणा की सगती का आड़ी बड़ावे।
अन थाँने बरदास करणो छावे, ताँके थाँ परमेसर की मरजी ने पुरी करन मोटो फळ पा सको, जिंको परमेसर वादो किदो हो।
पण माँ घणो छावाँ हाँ के, थाँकामूँ हरेक जणो अंत तईं पूरो मन लगान अस्यान करतो रेवे, ताँके थाँकी आस पुरी वे जावे।
अणी तरियाँ धीरज का हाते वाट नाळन अबराम वो पायो, जिंको परमेसर वादो किदो हो।
काँके थाँ अस्यान जाणो हो के, जद्याँ परक्यो जावे हे, तो थाँको विस्वास पाको वेवे हे अन थाँने सेण करबा की तागत मले हे।
पण थाँ थाँका मयने धीरज ने आपणो काम पूरो करबा दो, जणीऊँ थाँ पूरा अन पाका वे जावो, अन थाँकामें कणी बात की कमी ने रेवे।
अन हमज में खुद ने काबू में राकबा में अन खुद ने काबू में राकबा में धीरज ने अन धीरज में परमेसर की भगती ने,
मूँ यहुन्नो ज्यो थाँको भई हूँ मूँ ईसू के दुक में, धीरज में अन राज में थाँको हण्डाळ्यो हूँ। मने देस निकाळो दिदो ग्यो, जिंकी वजेऊँ मूँ पत्तमुस नाम का टापू में हूँ। काँके मूँ परमेसर का वसन अन ईसू मसी की गवई थाँने देतो हो।
जिंने जेळ में जाणो हे वो जाई, ज्यो भी तरवारऊँ मारी, पाको हे वो भी तरवारऊँस मारियो जाई। खरा अन धिज्यो राकबावाळा मनकाँ को ओईस विस्वास हे।
ज्यो भी परमेसर की आग्या माने अन ईसू पे विस्वास करे हे अणा पुवितर मनकाँ को धिज्यो ईंमेंइस हे।
काँके थाँ धीरजऊँ मारा हुकम पे चालता रिया हो, ईं वाते जद्याँ ईं धरती का मनकाँ ने परकबा का वाते अबकी टेम आई, तो मूँ थने बंचाऊँ।