16 अन थाँका बई-बापू, भई-बन्द अन परवार का हण्डाळ्याँ भी थाँने धोकाऊँ पकड़वाई। अटा तईं के थाँकामूँ नरई ने मरवा नाकी।
“भई आपणाँ भई के, बई-बापू आपणाँ बाळकाँ के अन बाळक आपणाँ बई-बापू के विरोद में जाई अन वाँने धोकाऊँ पकड़वान मरबा नाकी।
भई, भई ने धोकाऊँ पकड़ान मरवाई। बाप बेटा ने धोकाऊँ मरवाई, छोरा-छोरी आपणाँ बई-बापू का खिलाप ऊबा वेन वाँने मरवाई।
बाप बेटाऊँ अन बेटो बापऊँ विरोद राकी। बई बेटीऊँ अन बेटी बईऊँ अन हवजी लाड़ीऊँ अन लाड़ी हवजीऊँ विरोद राकी।”
मूँ थाँने अस्या बोल अन अकल देवूँ के, थाँका हाराई दसमण थाँको सामनो ने कर सकी अन थाँने रोक ने पाई।
अन मारा नाम का पाच्छे चालबा की वजेऊँ घणा लोग-बाग थाँकाऊँ दसमणी राकी।
वणी यहुन्ना का भई याकूब ने तरवारऊँ मरवा नाक्यो।
अन वे इस्तीपनुस पे भाटा फेंकताई रिया, जद्याँ वो ओ केतो तको परातना किदी, “ओ परबू ईसू, मारो जीव लेलो।”
वणाऊँ उन्याँ का लुईऊँ अन खुद की गवई की वजेऊँ वींने हरा दिदो हो, वणी आपणो जीव को भी होच ने किदो अन मोत ने जेल लिदी।
मूँ जाणूँ हूँ के, थूँ वटे रेवे हे जटे सेतान की गाद्दी हे। अन मारा ईं नाम पे विस्वास करे हे जद्याँ के, थाँरा नगर में मारो विस्वास जोगो दास अन्तिपास वटे मारिया ग्यो, जटे सेतान की जगाँ हे। तो भी थूँ विस्वासऊँ ने छेटी व्यो।
वींके केड़े उन्ये पाँचवी मोर खोली, तो में वेदी का रेटे वणा मनकाँ की आत्मा देकी, ज्याँने हव हमच्यार अन गवई देबा अन हुणबा की वजेऊँ मार दिदा ग्या हा।