अन यद्याँ आपाँ केवाँ के, ‘मनकाँ का आड़ीऊँ हे।’ तो हाराई लोग-बाग आपणे भाटा मारी। काँके वीं हाँची में जाणे हे के, यहुन्नो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो हो।”
यहुन्नो जद्याँ आपणो काम पूरो करबा में हो, तो वणी क्यो, ‘जस्यान थें मारा बारा में होचरया हो वस्यान मूँ ने हूँ। पण, एक अस्यो मनक मारा केड़े आरियो हे, मूँ जिंकी पगरख्याँ का कसणा खोलबा के जोगो भी कोयने हूँ।’”