45 जद्याँ हाराई मनक हुणरिया हा, तो ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो,
तद्याँ ईसू लोग-बागाँ ने आपणाँ नके बलान वाँकाऊँ क्यो, “हुणो अन हमज्यो।
पछे, ईसू भी आपणाँ चेला की लारे मनकाँ की भीड़ ने बलई अन वाँने क्यो, “जदी कुई मारी लारे आणो छावे, तो वो आपणाँ खुद ने भुल जाई अन आपणी हूळी लेन मारा पाच्छे अई जावे।
“ईं तरियाँ दाऊद तो मसी ने ‘परबू’ केवे हे, तो पसे वो वींकी ओलाद कस्यान वे सके?”
ज्यो पाप करे, वींने हाराई का हामे तापड़ जणीऊँ दूजाँ पाप करबाऊँ दरपे।