40 अन ईंका केड़े वणा की ईसुऊँ कई ओरी पूछबा की हिम्मत ने वी।
ईसू की या बात हुणन कुई भी एक बात भी ने के सक्यो। वणी दनऊँ कणी वाँकाऊँ कई पूँछबा की हिम्मत ने किदी।
जदी ईसू ओ देक्यो के, वो मनक पुरी हमजदारीऊँ जबाव दिदो, तो वणा क्यो, “थूँ परमेसर का राजऊँ घणो छेटी कोयने।” ईंका पछे कुई भी ईसुऊँ कस्योई सवाल पूँछबा की हिम्मत ने किदी।
पण वी अणी बात को जवाब ने दे सक्या।
तद्याँ यो हूँणन नेमा ने हिकाबावाळा मेंऊँ कतरा जणा ओ क्यो के, “ओ गरू, थाँ हाँची बात केवो हो।”