ज्यो कुई मनक का पूत का विरोद में कई भलो-बुरो बात केई, वींको ओ गुनो परमेसर माप कर सके हे, पण ज्यो कुई पुवितर आत्मा का विरोद में कई केई, वाँको यो गुना ने तो ईं जुग में अन नेई आबावाळा जुग में माप किदो जाई।
ब्याव को हाराई ने मान करणो छावे। लोग-लुगई एक-दूँजा का वाते वफादार रेवो। काँके दूजाँ का हाते गलत वेवार राकबावाळा लोग-लुगई ने अन कुकरम करबावाळा ने परमेसर सजा देई।