32 हाराई केड़े वा लुगई भी मरगी।
अणी तरिया हातई वणीऊँ एक का केड़े एक ब्याव किदो अन बनाई आस-ओलाद मरग्या हा।
ईं तरिया वी पाच्छा जीवता वेबा का केड़े वा लुगई किंकी लुगई बणी, काँके वाँ हातई भायाँ की लुगई बण चुकी ही।”
जस्यान मनकाँ का वाते एक दाण मरणो अन वींका केड़े न्याव वेणो पको हे।