27 पसे कुई सदुकी ईसू का नके आया अन अणा सदुकी मनकाँ को केणो हे के, मरयाँ तका को पाछो जी उटणो ने वेवे हे।
फरीसी अन सदुकियाँ ईसू का नके आन परक करबा का वाते क्यो, “माने हरग को हेन्याण बता। ताँके माने पतो लागे के, थने परमेसर का आड़ीऊँ अदिकार मल्यो तको हे।”
तद्याँ वाँकी हमज में आयो के, वीं रोट्याँ का खमीरऊँ ने, पण फरीसियाँ अन सदुकियाँ की हिकऊँ हेंचेत रेवा का वाते क्यो हो।
ईसू वाँने क्यो, “देको, फरीसियाँ अन सदुकियाँ का हाज्याऊँ बंचन रेज्यो।”
तो मोटो याजक अन वाँका हण्डाळी, जो सदुकी पन्त का हाँ, वे रिस्याँ बळबा लागा।
जद्याँ के थाँने एकीस हमच्यार हुणायो हो के, मसी ने मरिया तका मेंऊँ जीवतो किदो ग्यो हो तो थाँका मेंऊँ कुई कस्यान के सके हे के, मरिया केड़े पाछो जीवतो ने व्यो जा सके हे?