जदी मुक्य याजकाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा ओ हुण्यो, तो वींने मारबा को गेलो होदबा लागा। पण वे वाँकाऊँ दरपता हा, काँके हारई मनक वाँका उपदेसाऊँ अचम्बा में पड़ जाता हा।
जद्याँ हिंजारिया वींने देक्यो, तो एक-दूजाऊँ बात करबा लागो के, यो तो अणी बाग का मालिक को छोरो हे। आवो, आपाँ ईंने मार नाका। तो ओ अंगूरा को बाग आपणो वे जाई।