4 युसुप, गलील देस का नासरत नगरऊँ यहूदा परदेस में दाऊद का सेर बेतलेम ग्यो, काँके वो दाऊद का बंस को हो।
जद्याँ वो ईं बाताँ पे होच-बच्यार कररियो हो के, परबू को एक हरग-दुत वींने हपना में दिक्यो अन केबा लागो, “हे युसुप, दाऊद की बेटा, थूँ आपणी हगई वीं तकी मरियमऊँ ब्याव करन अटे लेन आबाऊँ मती दरप, काँके ज्यो वींका पेट में हे, वो पुवितर आत्मा का आड़ीऊँ हे।
अन नासरत नाम का नगर में घर बणान रेवा लागग्यो, अस्यान वो बचन पूरो व्यो, ज्यो नरई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा क्यो हो, “वो नासरी नामऊँ जाण्यो जई।”
अन हंगळा लोग नाम लिकाबा का वाते आपणाँ-आपणाँ गाम ग्या।
वो आपणी हगई किदी तकी मरियम का हाते नाम लिकाबा का वाते ग्यो, ज्या गरबवती ही।
ईसू नासरत नगर में ग्यो, जटे वाँको लालण-पालण व्यो हो। वो रीत के जस्यान आराम का दन में परातना घर में ग्यो अन धरमसास्तर भणबा का वाते ऊबो व्यो।
नतनएल वणीऊँ क्यो, “कई हव चीज भी नासरतऊँ निकळ सके हे?” फिलिपुस वणीऊँ क्यो, “चालन खुदई देक ले।”
कई सास्तर में यो ने लिक्यो हे के, मसी दाऊद का बंसऊँ अन बेतलेम गामऊँ आई, जटे राजा दाऊद रेतो हो?”