18 ईं बात ने जणा भी हूणी। वीं अचम्बो करबा लागग्या।
गवाळ्याँ ओ देकन ज्या बात हरग-दुत की ही, हाराई ने बता दिदी।
पण, मरियम अणा हंगळी बाताँ आपणाँ मन में राकन होचबा लागी।
अन वींका बई-बापू ईंका बारा में ज्यो कई क्यो ग्यो हो वणीऊँ वाँने अचम्बो व्यो।
ज्यो लोग-बाग बाळक ईसू की बाताँ ने हुणरिया हा, वी हाराई वींकी हमज अन वींका जबावऊँ अचम्बा में पड़ग्या हा।
हाराई मनक अचम्बो करबा लागा अन एक-दूजाऊँ केबा लागा, “या कस्यी बात हे? वो अदिकार अन सामरत का हाते हुगली आत्माने आदेस देवे हे अन वाँ भी निकळ जावे हे।”