6 वो उतावळो वेन उतरन राजी वेतो तको वाँने आपणाँ घरे लेग्यो।
जद्याँ ईसू वणी जगाँ पूग्यो, तो ऊपरे देकन वणीऊँ क्यो, “ए जक्कई फटा-फट रेटे उतर, काँके आज मने थाँरा घर में रकणो घणो जरूरी हे।”
यो देकन हाराई लोग-बाग मन में बड़बड़ान केबा लागा के, “वी तो एक पापी मनक का अटे रकरियो हे।”
वीं तरत वटे पराग्या मरियम अन युसुप ने देक्या अन बाळक ने ठाण में हूँतो तको देक्यो।
वणी लेवी आपणाँ घर में ईसू की आवभगत का वाते मोटो जीमण राक्यो। अन आया तका मेमान में नरई लगान लेबावाळा अन दूजाँ मनक भी हा। ईं हाराई ईसू का हाते जीमण में बेटा हा।
जदी वा लुगई अन वींका परवारवाळा हंगळा हाते बतिस्मो लिदो तो वणी माँकी मनवार किदी के, “यद्याँ थाँ मने परमेसर में विस्वास करबावाळी लुगई हमजो, तो अटूँ मारे हाते चालो अन मारे घरे रो।” जद्याँ तईं माँ राजी ने व्या, तद्याँ तईं वा मनवार करतिइस री।
वो वाँने घरे लेग्यो अन वणा ने रोट्याँ खुवई। वीं अन वींको हारोई कटुम्ब परमेसर पे विस्वास करन आणन्दऊँ भरग्यो।
वामूँ जणी-जणी सन्देसा ने मान्यो, वाँने बतिस्मो दिदो ग्यो अन वीं दन वाँकी मण्डली में लगे-भगे तीनेक हजार लोग-बाग मलग्या।