वीं टेम ईसू भीड़ऊँ क्यो, “कई थाँ तरवाराँ अन लठ लेन मने चोर का जस्यान पकड़बा का वाते आया हो? मूँ हरेक दन रोज मन्दर में बेटन उपदेस दिया करतो हो, तद्याँ तो थाँ मने ने पकड़्यो।
जदी मुक्य याजकाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा ओ हुण्यो, तो वींने मारबा को गेलो होदबा लागा। पण वे वाँकाऊँ दरपता हा, काँके हारई मनक वाँका उपदेसाऊँ अचम्बा में पड़ जाता हा।
फसे को अन बना हाज्या की रोट्याँ का तेवार के दो दन पेल्याँ की बात हे, मुक्य याजकाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा एक असी जाळ वसारिया हा। जींऊँ वे ईसू ने ईं जाळ में नाकन बंदी बणान मार सके।
वी दाण मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन मुक्य याजकाँ वींने पकड़णो छारिया, काँके वीं हमजग्या हा के, वणी माकाँ उपरेईस या केणी की हे। पण, वीं लोग-बागऊँ दरपग्या हा।