“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ मनकाँ का वाते हरग का राज को बारणो बन्द करो हो, ने तो थाँ खुद परवेस करो हो अन ने वींमें परवेस करबावाळा ने परवेस करबा देवो हो।
पछे वणा उपदेस देता तका क्यो, “परमेसर का बचना में ओ ने लिक्यो हे, ‘मारो घर हारई देसा का मनकाँ का वाते परातना करबा की जगाँ केवाई’ पण, थाँ ईंने ‘चोरा को ठाणो’ बणा दिदो हे।”