अन थने अन थाँरा छोरा-छोरी ने जी थाँरा में हे, धुळा भेळा करी अन थाँरा में भाटा पे भाटा भी ने रबा देई। काँके, थें वणी घड़ी जद्याँ परमेसर थाँरा पे दया किदी ही तो थें ने ओळकी ही।”
पण पोलुस अन बरनबास बनाई दरप्या क्यो, “ओ जरूरी हे के, परमेसर का बचन सबऊँ पेल्याँ थाँने हूणावाँ, पण थाँकाणी वाँने नकारता तका खुद ने अमर जीवन जीबा के जोगा ने हमज्या। ईं वाते माँ अबे यहूदियाँ ने छोड़न जो यहूदी ने हे वाँका नके जारिया हा।