39 जद्याँ भीड़-भाड़ मेंऊँ कुई फरीसी ईसुऊँ केबा लागा, “ओ गरुजी, थाँका चेला ने हाका-हूक करबाऊँ रोको।”
तो हेरोदेस छानेऊँ ज्योतिसी माराजा ने बलान पूँछ्यो के, तारो कणीक दाण दिक्यो हो?
“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ मनकाँ का वाते हरग का राज को बारणो बन्द करो हो, ने तो थाँ खुद परवेस करो हो अन ने वींमें परवेस करबावाळा ने परवेस करबा देवो हो।
तद्याँ मोटा याजकाँ लाजर ने भी मार नाकबा की ओजणा बणई।
तद्याँ फरीसी एक-दूजाऊँ केबा लागा, “आपाँ कई ने कर सक्या हा। देको, हारी दनियाँ वाँका पाच्छे चालबा लागी हे।”
कई थाँ अस्यान होचो हो के, पुवितर सास्तर बेकार में केवे हे के, “जणी आत्माने परमेसर आपणाँ मयने राकी हे, वींका वाते वीं जलन राके हे, काँके वींने परमेसर खुब छावे हे?”