37 वो जेतुन का छापर में पूग्यो। तो भगताँ की हारी टोळी जणा वाँका परच्या आपणी आक्याँऊँ देक्या हा। वी राजी वेन ज्योरऊँ हाको करन परमेसर की बड़ई करबा लागा के,
जद्याँ ईसू अन वींका चेला यरूसलेम का नके पोछ्याँ अन जेतुन का मंगरा पे बेतफगे का नके आया, तो ईसू दो चेला ने ओ केन खन्दाया,
जदी वो जेतुन का मंगरा पे मन्दर का हामे बेटो हो, तो वींने पतरस, याकूब, यहुन्ना अन अन्दरियास एकेला में जान पूँछ्यो,
तद्याँ एक भजन गान वीं हाराई जेतुन का मंगरा पे पराग्या।
वो तरत देकबा लागो अन परमेसर की बड़ई करतो तको वाँके पाच्छे चालबा लागो अन यो परचो देकन हाराई लोग-बाग परमेसर की मेमा करबा लागा।
तीजे नोकर आन क्यो, ‘ओ मारा मालिक, थाँकी मोर या हे। जिंने में आपणी पेटी में हपई राकी ही।
अन जद्याँ वी जेतुन नाम का मंगरा में बेतफगे अन बेतनियाँ का नके पूग्यो, तो वणा आपणाँ चेला मेंऊँ दो जणा ने आ बात केन खन्दाया के,
जद्याँ वी जारियो हा, तो मनक आपणाँ गाबा बिछाता जारिया हा।
ईंपे वीं हाराई मनक दरपग्या अन परमेसर की जे-जेकार करबा लागा के, “आपणाँ बसमें एक मोटा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो परगट व्यो हे।” अन केबा लागा के, “परमेसर आपणाँ लोगाँ की मदत करबा ने आग्या हे।”
लोग-बाग वाँकाऊँ मलबा ईंवातेइस आया हा, काँके वणा हुण्यो हो के, वणी ओ परच्यो बतायो हे।