ईसू वणीऊँ क्यो, “देको, एक मनक यरूसलेमऊँ यरीहो जारियो हो, तो डाकू वींने गेर लिदो अन वणा हारोई वींपूँ कोस लिदो अन वींने नांगो कर दिदो। अन कूटन अदमरियो करन पराग्या।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।