23 तो थें मारी मोर हवकारा का नके कई लेबा ने मेली के, मूँ आन ब्याज का हाते मूँळ पूँजी भी ली लेतो?
तो थूँ मारो धन साहुकारा ने दे देतो। अन जद्याँ मूँ आतो तो आपणो मूँळ ब्याज का हाते ले लेतो।
वणी वींने क्यो, ‘ए बुरा दास, मूँ थाराईस मुण्डाऊँ थने दोसी मानूँ हूँ। थूँ मने जाणतो हो के, मूँ गाटो मनक हूँ। जटे मूँ ने मेलू, वटूँ मूँ लेवूँ हूँ अन जटे ने वावूँ, वटूँ काटे हूँ।’
अन ज्यो लोग-बाग नके ऊबा हा, वाकाँऊँ मालिक क्यो, ‘या मोर अणीऊँ लिलो अन जिंका नके दस मोराँ हे। वींने दिदो।’