19 वणी वींने भी क्यो, ‘थूँ भी पाँच ठिकाणा को हाकम बणी।’
दूजे नोकर आन क्यो, ‘हो मालिक, थारी मोरऊँ में पाँच मोराँ ओरी कमई हे।’
तीजे नोकर आन क्यो, ‘ओ मारा मालिक, थाँकी मोर या हे। जिंने में आपणी पेटी में हपई राकी ही।
ईं वाते हो विस्वासी भायाँ विस्वास में बना आगा-पाछा व्या गाटा बण्या तका रेवो अन परबू को काम करबा वाते खुद ने त्यार राको, काँके थाँ तो जाणो हो के, परबू वाते किदो ग्यो काम बेकार ने वे जावे।
बोवावाळो अन पाणी पाबावाळो दुई एक जस्या हे, पण हरेक मनक आपणाँ मेनत के जस्यान दानकी पाई।
थाँने मूँ एक बात बताऊँ हूँ के, ज्यो थोड़ोक वावे हे वो थोड़ोकइस काटे हे अन ज्यो हेलो वावे हे, वो हेलो काटी।
ईं वाते थाँ खुद हूँस्यार रेज्यो, जणीऊँ थाँ वींने खो ने दो, जिंका का वाते, आपाँ घणी मेनत कररिया हा, काँके थाँने थाँको पुरो-पुरो फळ लेणो हे।