आन्दा पाच्छा देकबा लागा हे अन लंगड़ा चालबा-फरबा लागा हे, कोड़्या को कोड़ हव वेरियो हे अन बेरा हुणरिया हे अन मरिया तका जीवता वेरिया हा। अन दकी अन गरीब मनकाँ ने हव हमच्यार हुणायो जारियो हे।
जद्याँ हाराई लोगाँ परमेसर की सामरत ने देकी, तो वाँकी आक्याँ खुली की खुली रेगी। ईसू मसी ज्यो भी किदो हो वींने देकन लोग-बाग अचम्बो कररिया हा तो ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो,
विस्वास्याँ जद्याँ ओ हुण्यो, तो वे छाना-माना वेग्या अन परमेसर की मेमा करता तका केबा लागा, “आ हव बात हे, परमेसर जो यहूदी ने वाँने भी पापऊँ मन बदलबा को अन नुवो जीवन पाबा को मोको दिदो हे।”
थूँ वाँकी आक्याँ ने खोले अन वीं अंदाराऊँ उजिता का आड़ी, अन सेतान की सगतिऊँ परमेसर का आड़ी फरे ताँके वाँने पापाऊँ मापी मले अन परमेसर का चुण्या तका लोगाँ के हाते वीं भी बापोती में भेळा वेवे।’
तो पछे मोटी सबा का लोगाँ वाँ दुई जणा ने तापड़न छोड़ दिदा। वाँने सजा देबा को कई भी मोको ने मल्यो हो, काँके जो भी व्यो, वींका वाते लोग-बाग परमेसर की मेमा गारिया हाँ।
पण थाँ तो अस्या मनक कोयने हो, थाँ तो परमेसर का थरप्या तका मनक हो, थाँ रजवाड़ी याजकाँ की टोळी अन पुवितर परवार का हो, परमेसर थाँने अंदारा का राज मेंऊँ अचम्बावाळा उजिता में लाया हे, जणीऊँ थाँ परबू का अचम्बावाळा काम का बारा में बता सको।