35 जद्याँ ईसू यरीहो का नके पूग्या, तो वाँने एक आंदो मनक हड़क का कनारे बेटन भीक मांगतो तको मल्यो।
बीज वाती दाण थोड़ाक बीज गेला के कनारे पड़्या अन सरकल्या वाँने चगगी।
अन वणी अणाचेत को भीड़-भाड़ का हाका-हूक हुणन पूछबा लागो, “ओ कई वेरियो हे?”
जद्याँ ईसू यरीहो नगर में वेन जारिया हा।
तद्याँ अड़े-भड़े का लोगाँ अन जणा पेल्याँ वींने भीक मांगतो तको देक्यो हो। वीं केबा लागा, “कई यो वो तो ने हे, ज्यो बेटो तको भीक मांगतो हो?”
वाँ दनाँ में वटे एक जनमऊँ लंगड़ो मनक हो, जिंने लोग हरेक दन तोकन ले जाता हा अन मन्दर का सुन्दर नाम का बाणा पे बेटा देता हा, ताँके वो मन्दर में जाबावाळा लोगाऊँ भीक माँग सके।