34 ईं चेला अणा बाताँ मूँ एक भी बात हमज ने सक्या। अन ईं बाताँ वाँका कान्दड़ा में ने पड़ी अन वीं हमज ने सक्या के, वीं ईं बाताँ किंका बारा में केरिया हा।
पण, आ बात वाँके हमज में ने आई अन ईसुऊँ आ बात पूँछबाऊँ दरपता हा।
पसे मने कुटी अन मार नाकी, पण मूँ तीजे दन पाछो जीवतो वे जाऊँ।”
पण, वणा ईं बात ने ने हमजी।
तद्याँ ईसू वाँने क्यो, “ओ बना अकल का अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की बाताँ पे भरोसो ने करबावाळा मनकाँ।
तद्याँ वणी वाँने सास्तर ने हमजबा के वाते वाँने अकल दिदी।
पण, चेला अणी बाताँ ने हमज ने सक्या अन या बात वाँकाऊँ छाने ही जणीऊँ वीं ईंने जाण ने सक्या अन वीं वणाऊँ या बात पूँछबाऊँ दरपता हा।
ईसू वाँकाणी या केणी क्यो, पण वीं हमज ने सक्या के, वीं वाकाँऊँ कई केरिया हे।
वाँका चेला ने वीं टेम ईं बाताँ नंगे ने पड़ी ही, पण जद्याँ ईसू मेमा परगट वीं, तद्याँ वाँने हमज में आयो के, ईं बाताँ वींके बारा मेंईस सास्तर में लिकी गी ही के, मनक वाँकाऊँ ईं तरियाँ को वेवार किदो हो।