26 वणा लोग-बाग जद्याँ आ बात हूणी तो वणा ईसुऊँ पूँछ्यो, “तो पसे कूण बंचायो जाई?”
तद्याँ कणी वाँकाऊँ पूँछ्यो, “ओ परबू जी, कई मुगती पाबावाळा थोड़ा हे?”
जस्यान ऊँट हुई का नाका मेंऊँ ने ने निकळ सके, वस्यानीस रिप्यावाळा को परमेसर का राज में जाणो घणो अबको हे।”
ईसू वाँने क्यो, “ज्यो मनकाऊँ ने वे सके हे, वो परमेसरऊँ वे सके हे।”