25 जस्यान ऊँट हुई का नाका मेंऊँ ने ने निकळ सके, वस्यानीस रिप्यावाळा को परमेसर का राज में जाणो घणो अबको हे।”
थाँकाऊँ पाछो केवूँ हूँ के, जस्यान ऊँट हुई का नाका मेंऊँ ने निकळ सके, वस्यानीस रिप्यावाळा को परमेसर का राज में जाणो घणो दोरो हे।”
हो आंदा अगुवाँ, थाँ आपणाँ पाणी मेंऊँ माछर ने तो काड़ दो हो, पण ऊँट ने खा जावो हो।
हेलो हेल कई हे? यो केणो के ‘थाँरा पाप माप वेग्या’ कन ओ केणो ‘उठ, अन परोजा?’
जस्यान ऊँट हुई का नाका मेंऊँ ने निकळ सके, वस्यानीस रिप्यावाळा को परमेसर का राज में जाणो घणो दोरो हे।”
वणा लोग-बाग जद्याँ आ बात हूणी तो वणा ईसुऊँ पूँछ्यो, “तो पसे कूण बंचायो जाई?”