34 मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, वणी रात दो मनक एक माचा पे हूँता वेगा, तो एक ने तोक लिदो जाई अन दूजाँ ने वटेईस छोड़ दिदो जाई।
देको, में थाँने पेल्याई ईं हारी बता दिदी हे।
ईं वाते थें हूँस्यार रेज्यो। ईं हारी बाताँ में थाँने बगतऊँ पेल्याँई बता दिदी हे।
जदी पतरस बोल्यो, “ईं हारई थने छोड़ देई। पण, मूँ थने कदी ने छोड़ूँ।”
ईंपे ईसू वींने क्यो, “हाँकड़ा गेलाऊँ जाबा की कोसीस करो काँके, मूँ थाँकाऊँ केवूँ हे के, घणा मनक अस्यान करणो छाई पण वीं ने कर सकी।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, ने, पण यद्याँ थाँ आपणाँ पापाऊँ मन ने, ने बदलो तो थाँ भी मरो जस्यान वीं मरिया हा।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, ने, पण यद्याँ थाँ भी पापाऊँ मन ने, ने बदलो तो थाँ हाराई भी मरो जस्यान वीं मरिया हा।”
ज्यो कुई धरती पे आपणाँ खुद को जीवन बंचाणो छावे हे वो आपणो हरग को जीवन खो देई। पण, ज्यो कुई धरती पे मारा वाते आपणो जीवन खोई, वो हरग को जीवन पाई।
दो लुगायाँ एकीस जगाँ घट्टी पीसती वेगा तो एक तोक लिदी जाई अन दूजी ने वटेईस छोड़ दिदी जाई।
ईं तरियाँ परबू जाणे हे भगताँ ने न्याववाळे दन तईं कस्यान बंचान राक्या जावे हे अन पाप्याँ ने दण्ड का वाते कस्यान राक्या जावे हे।