15 जद्याँ वाँका मूँ एक जणो यो देक्यो के, मूँ हव वेग्यो हूँ। तो वो जोरऊँ परमेसर की बड़ई करतो तको पाछो आग्यो।
जद्याँ मनकाँ ओ देक्यो तो वीं दरपग्या अन परमेसर की मेमा करबा लागा के, जणा एक मनक ने अस्या अचम्बावाळा काम करबा को अदिकार दिदो हे।
वो ऊबो व्यो, तरत आपणो माचो तोक्यो अन वाँ हंगळा ने देकतईं देकता वो बारणे परोग्यो। यो देकन हारई जणा अचम्बा में पड़ग्या, अन वाँकाणी परमेसर की बड़ई किदी अन बोल्या, “माँकाणी अस्यी बात कटेई ने देकी।”
अणा हारी बाताँ के पछे वो मनक ईसू ने मन्दर में मल्यो, जद्याँ ईसू वींने क्यो, “देक, अबे थूँ हव वेग्यो हे, अबे पाछो थूँ पाप मती करज्ये, अस्यान ने वे कुई मोटी आपत थारे गळा में पड़ जावे।”
वणी क्यो, “हो परबू जी, मूँ विस्वास करूँ हूँ।” अन वाँका पगा में पड़न धोग दिदो।