13 वणा मनकाँ हाको करन क्यो, “ओ ईसू, ओ मालिक, माकाँ पे दया करो।”
वीं परदेसऊँ एक लुगई अई ज्या कनानी जात की ही अन वाँ कल्ड़ो हाका-भार मेलन केबा लागी, “हो परबू जी! दाऊद का पूत, मारा पे दया कर! मारी बेटी ने हुगली आत्मा घणी सता री हे।”
जद्याँ ईसू वटूऊँ आगे जाबा लागो, तो दो आन्दा वाँका पाच्छे वेग्या अन केबा लागा, “हे दाऊद का पूत, माकाँ पे दया करो।”
“हुगली आत्मा ईंने कई दाण मारबा वाते कदी तो वादी में फेंक दे अन कदी पाणी में। यद्याँ, थूँ कर सके, तो माकाँ पे बाळ करन भलो कर।”
जद्याँ ईसू वाँने देकन क्यो, “जान आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बतावो।” अन पसे अस्यान व्यो के, वीं गेला में जाता-जाताई हव वेग्या।
समोन ईसुऊँ क्यो, “हे मालिक, माँ पुरी रात-भर मेनत किदी पण कई हाते ने लागो। तो भी थाँका केवाऊँ जाळ नाकूँ।”