30 पण, वणी वाँकाऊँ क्यो, “ओ बापू, अबराम यूँ ने, यद्याँ मरिया तकाऊँ कुई वाँका नके जाई तद्याँईस वी मन बदली।”
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, ने, पण यद्याँ थाँ आपणाँ पापाऊँ मन ने, ने बदलो तो थाँ भी मरो जस्यान वीं मरिया हा।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, ने, पण यद्याँ थाँ भी पापाऊँ मन ने, ने बदलो तो थाँ हाराई भी मरो जस्यान वीं मरिया हा।”
तद्याँ वणी हाको करन क्यो, “ओ बापू अबराम, मारा पे दया करो।” लाजर ने खन्दावो ताँके, वो आपणी आँगळी ने पाणी में डबोन मारी जीब ने हीळी करे, काँके मूँ अणी वादी में तड़परियो हूँ।
पण अबराम वींने क्यो, “यद्याँ वी मूसा अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की किताबाँ की बात ने माने हे, तो वी यद्याँ कुई मरिया तका मेंऊँ भी वाँका नके जाई तद्याँ भी वी वींकी ने मानी।”
तद्याँ ईसू वणीऊँ क्यो, “आज अणी घर में छुटकारो आयो हे, काँके अणी विस्वास करन ओ बता दिदो हो के, ओ भी अबराम की ओलाद हे।
थाँको वेवार अस्यो वेणो छावे के, थाँ मन फेर लिदो हे। थाँ आपणाँ-आपणाँ मना में यो मती होचो के, ‘आपीं अबराम का बंस का हा।’ मूँ थाँकाऊँ केऊँ हूँ के, परमेसर अणा भाटाऊँ अबराम का वाते ओलाद जण सके हे।