पण मूँ थाँकाऊँ यो केऊँ हूँ के, ज्यो कुई आपणाँ भई पे रीस करी, वो सबा में दण्ड के जोगो मान्यो जाई। ज्यो कुई आपणाँ भई ने बेजत करी वींने मोटी सबा में दण्ड के जोगो मान्यो जाई। ज्यो कुई आपणाँ भई ने हराप देवे हे, वो नरक की वादी के जोगो वेई।
ईसू वींने जवाब दिदो, “यद्याँ थूँ परमेसर का दान ने जाणती, अन ओ भी जाणती वो कुई हे, ज्यो थाँराऊँ केवे हे, ‘मने पाणी पा’, तो थूँ वणीऊँ मांगती अन वो थने जीवन को जळ देतो।”
वस्यानीस जीब भी वादी हे, ज्या आपणाँ अंग में एक बुरई की दनियाँ हे अन हारी देह पे कळंक लगावे हे अन हाराई जीवन में वादी लगा देवे हे। अन आ जीब भी आकरी में नरक की वादीऊँ बाळ दिदी जाई।
वीं डरावणा जनावर ने अन वींके हाते जूटी आगेवाणी करबावाळा जी हेन्याण चमत्कार बतान वणा मनकाँ ने ज्यापे वीं जनावर की मोर लगई ही अन वींकी मूरत ने पुजा करता हा, वाँने पकड़ लिदा। वणा दुया ने वीं वादी की बळता तका नरक का कुण्ड में जीवताई नाक दिदा ग्या।
ईंका केड़े वीं हरग-दुत मने जीवन देबावाळा पाणी की एक नंदी बतई। वाँ नंदी बिल्लोर का काँस जस्यान चमकती तकी पुवितर ही। वा नंदी परमेसर अन उन्याँ का वटेऊँ निकळन नगर की हड़क का वसा-वस वेती ही।