12 यद्याँ थाँ पराया धन में हाँचा ने रेवो। तो ज्यो थाँको हे, वो थाँने कूण देई?
पण, एक बात घणी जरूरी हे अन वणी मरियम खास भाग ने चुण लिदो हे। ज्यो वणीऊँ कदी लिदो ने जाई।”
ईं वाते जद्याँ अधरम का धन में हाँचा ने रेवो, तो ज्यो हरग को हाँचो धन वो थाँने कूण देई?
कस्योई दास दो मालिकाँ की सेवा ने कर सके हे। काँके वो तो एकऊँ वेर राकी अन दूजाऊँ परेम राकी कन पछे एकऊँ मल्यो तको रेई अन दूजाँ ने बेकार जाणी। थाँ परमेसर अन धन, अणा दुयाँ की सेवा एक हाते ने कर सको हो।”