अन थोड़ाक दन केड़े नानक्यो बेटो आपणी पांती को धन-दोलत ज्यो हो वींने भेळो करन नरई छेटी का देस में परोग्यो अन वटे बुरा कामाँ में आपणी हारी धन-दोलत ने उड़ा दी।
ईं वाते वणी मुनीम ने बलान क्यो, ‘या कई बात वेरी हे थाँरा बारा में? ज्या मूँ थाँरा बारा में हुणरियो हूँ। आपणाँ मुनीमपणा को मने हिस्याब दे। काँके आगेऊँ थूँ मुनीम को काम ने कर सके हे।’
अन हेरोदेस का दरबार का एक अदिकारी खुजा की लुगई योअन्ना अन सुसन्ना अन घणी हारी दूजी लुगायाँ ही। ईं आपणी धन-दोलतऊँ ईसू अन वाँका चेला की सेवा-चाकरी करती ही।
परमेसर का काम ने आपणाँ हाताँ में लेबा का वाते एक मण्डली का परदानाँ में ओ जरूरी हे के, वींमें एक भी खोट ने वेणी छावे। वीं ने तो घमण्डी वेवे, ने फटाकऊँ गुस्सो करबावाळा वेवे, नेईं पियावाळा, ने लड़ायाँ करबावाळा अन नेई रिप्या-कोड़ी का लालची वेवे।
जणी किंने भी परमेसर का आड़ीऊँ जो भी वरदान मल्यो हे वींने छावे के, वो परमेसर का वादा का जस्यान हव वेवस्ता करबावाळा की जस्यान, एक दूजाँ की सेवा करबा वाते वीं वरदान ने काम में लेवे।