“मानो थाँकामूँ किंका नके हो गारा हे अन वाँका मूँ एक खुवा जावे, तो कई नन्याणूँ ने हुन्ना काकड़ में छोड़न वणी खुवाया तका गाडरा ने जद्याँ तईं होदतो रेवे तद्याँ वो मल ने जावे? हाँ वो अस्यानीस करे हे।
ओ हव हमच्यार बेस बोली कोईस ने हे, पण तागत अन पुवितर आत्मा का हाते अन ईंकी हाँच की खरई का हाते थाँका नके पूग्यो हे। थाँ तो जाणोइस हो के, माँ थाँकी भलई का वाते थाँका हाते कस्यान रिया हा।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।