आपाँ जाणा हे के, नेम ज्यो कई केवे हे, वाँने केवे हे ज्यो नेमा का बंस में हे। अणीऊँ हाराई का मुण्डा बन्द किदा जा सके अन हारी दनियाँ परमेसर का दण्ड के जोगी वे।
कदी भी अस्यान ने वेवे, यद्याँ हाराई मनक जूटा हे, तो भी परमेसर हाँचा हे। जस्यान सास्तर में लिक्यो तको हे के, “जणीऊँ थूँ थाँरी बाताँ में धरमी वेवे अन न्याव करती टेम में थूँ जे पावे।”