31 ईंपे बाप वणीऊँ क्यो, ‘हे बेटा, थूँ हमेस्यान मारा हाते रियो हे अन ज्यो कई मारो हे वो हारो थाँरोईस तो हे।
अन जद्याँ थाँको यो बेटो, जणी थाँकी धन-दोलत बुरा कामाँ में उड़ान आयो हे, तो थाँ वींका वाते एक मोटो जनावर काट्यो हे।’
पण, अबे आणन्द मना अन राजी वेणो छावे, काँके यो थाँरो भई ज्यो मरग्यो हो पाछो जीवतो वेग्यो हे, यो खुवाग्यो हो पण अबे पाछो लादग्यो हे।’ ”
मालिक का घर में कुई गुलाम हक ने जमा सके हे, पण मालिक का पूत को हमेस्यान हक रेवे हे।
तो मूँ पूँछू हूँ के, “कई परमेसर आपणी इजराएली मनकाँ ने नकार दिदा?” ने अस्यान कोयने हे। काँके मूँ भी अबराम का वंस को अन बिन्यामीन के गोत को इजराएली हूँ।
“परमेसर ने कणी कई दिदो? के वो वींने पाछो देवे।”
ज्यो इजराएली हे अन ज्याँने परमेसर की ओलाद वेबा को हक हे, ज्यो परमेसर की मेमा को दरसण कर चुक्या हे, ज्यो परमेसर का करार में पांतीदार हे। ज्याँने मूसा का नेमा अन हाँची भगती अन वादो दिदा तको हे।