ईं वाते थें जान ईंको अरत सास्तरा में कई हे वींने हमजो, ‘मूँ बली ने छावूँ हूँ, पण दया-भाव छावूँ हूँ।’ मूँ धरमिया कोयने, पण पापी मनकाँ ने बलावा आयो हूँ।”
“मानो थाँकामूँ किंका नके हो गारा हे अन वाँका मूँ एक खुवा जावे, तो कई नन्याणूँ ने हुन्ना काकड़ में छोड़न वणी खुवाया तका गाडरा ने जद्याँ तईं होदतो रेवे तद्याँ वो मल ने जावे? हाँ वो अस्यानीस करे हे।
वणा ओ हुणन परमेसर की मेमा किदी, पछे वींऊँ क्यो, “हे भई, थूँ देकरियो हे के, यहूदियाँ मूँ करतईं हजार मनकाँ विस्वास किदो, अन हंगळाईं मूसा का नेमा का नेमा ने आका मनऊँ मानबावाळा हे।