20 तद्याँ वो वटूँ आपणाँ पापाँ का नके परोग्यो। “वो थोड़ाक छेटी हो अन वींका बापू वींने देक लिदो तो वींका बापू ने वींपे घणी दया अई। ईं वाते वो दोड़न वींने आपणे गळे लगा दिदो अन बोको दिदो।
अबे मूँ अणी जोगो ने रियो के, थाँको बेटो केवऊँ, मने थाँका अटे आपणाँ एक दानक्याँ का जस्यान राक लो।” ’
वणी बेटे वींका बापूऊँ क्यो, ‘ओ बापू, में थाँकी देकणी में अन परमेसर का विरोद में पाप किदो हे, अन अबे मूँ थाँको बेटो केवावे के, जोगो ने रियो हूँ।’
काँके ओ वादो थाँका वाते, थाँका छोरा-छोरी अन वाँ हंगळा जणा के वाते जो नरई छेटी हे, अन वाँ हाराई लोगाँ का वाते ज्याँने परमेसर आपणाँ नके बलावे हे।”
तद्याँ वीं हंगळा घणा रोया अन पोलुस के गळे मलबा लाग्या।
पण थाँ ज्यो पेल्याँ परमेसरऊँ छेटी हा, अबे ईसू मसी का गट-जोड़ में, मसी की मोतऊँ भड़े लाया ग्या हो।
वाँकाणी आन थाँने ज्यो छेटी हा अन वाँने ज्यो भड़े हा, मेल-मिलाप करबावाळो हव हमच्यार हुणायो।