16 अन वो छोरो छावतो हो के, वणा फळ्याऊँ जिंने हूर खाता हा आपणी भूक मटावे हे, पण वींने कुई भी कई ने देतो हो।
“गण्डकड़ा का हामे पुवितर चिजाँ मती फेको अन ने हूँरा का हामे मोती वकेरो। काँके थाँ अस्यान करो तो वीं हूँर मोती ने आपणाँ पगाँ में गूंदी अन गण्डकड़ा पाच्छा फरन थाँकी पीड़ी पकड़ी।
अन वो वणी देस में रेबावाळा मूँ एक का वटे दानकी करबा ने ग्यो। वणी वींने आपणाँ खेत में हूरा ने चराबा का वाते खन्दायो।
“जद्याँ वो आपणाँ आपाँ में आयो, तद्याँ वो केबा लागो के, ‘मारा बाप के कतराई दानक्याँ हे वाँने भरपेट खाणो मले हे अन मूँ अटे भूका मररियो हूँ।