14 जद्याँ वणी हारी धन-दोलत उड़ई दिदी अन पसे वणी देस में जोरदार काळ पड़्यो अन वो कंगाळ वेग्यो अन परेसानी में रेवा लागो।
अन थोड़ाक दन केड़े नानक्यो बेटो आपणी पांती को धन-दोलत ज्यो हो वींने भेळो करन नरई छेटी का देस में परोग्यो अन वटे बुरा कामाँ में आपणी हारी धन-दोलत ने उड़ा दी।
अन वो वणी देस में रेबावाळा मूँ एक का वटे दानकी करबा ने ग्यो। वणी वींने आपणाँ खेत में हूरा ने चराबा का वाते खन्दायो।