11 पसे ईसू क्यो, “कणी मनक के दो बेटा हा।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, अणीस तरियाऊँ एक मन फेरबावाळा पापी का बारा में परमेसर का हरग-दुताँ का हामें आणन्द वेवे हे।”
वणा मूँ नानक्ये बेटे आपणाँ बापऊँ क्यो, ‘ओ बापू, धन-दोलत मूँ ज्यो भाग मारे पाँती आवे हे वो मने दिदो।’ तो वणी आपणी हारी दोलत दुयाँ में बाट दिदी।